भादव रतिया भयान झरिया सोहान
कुंजे ने आबल श्याम विरह बेकली हम मारे मदन फूलवाण
सुनी झींगुरा झंकार जीहा ने माने सम्हार
कोइली पपीहा छेड़े तान
दमके केतकी फूल सौरभें बिधे शूल सेजा लागे सौपिनी समान
जे पदे गंगा बहाल अहिल्या भेले निहाल
वही पदें भवप्रीताक् स्थान।