अपनी निगाहे-शोख़ से छुपिये तो जानिए
महफ़िल में हमसे आपने पर्दा किया तो क्या?
सोचा तो इसमें लाग शिकायत की थी ज़रूर
दर पर किसी ने शुक्र का सज़्दा किया तो क्या?
ऐ शैख़ पी रहा है तो ख़ुश हो के पी इसे
इक नागवार शै को गवारा किया तो क्या?
अपनी निगाहे-शोख़ से छुपिये तो जानिए
महफ़िल में हमसे आपने पर्दा किया तो क्या?
सोचा तो इसमें लाग शिकायत की थी ज़रूर
दर पर किसी ने शुक्र का सज़्दा किया तो क्या?
ऐ शैख़ पी रहा है तो ख़ुश हो के पी इसे
इक नागवार शै को गवारा किया तो क्या?