ये दुख के दिन
काटे हैं जिसने
गिन गिनकर
पल-छिन, तिन-तिन।
आँसू की लड़ के मोती के
हार पिरोये,
गले डालकर प्रियतम के
लखने को शशिमुख
दुःखनिशा में
उज्ज्वल अमलिन।
ये दुख के दिन
काटे हैं जिसने
गिन गिनकर
पल-छिन, तिन-तिन।
आँसू की लड़ के मोती के
हार पिरोये,
गले डालकर प्रियतम के
लखने को शशिमुख
दुःखनिशा में
उज्ज्वल अमलिन।