लहू
लहू है बदन में तो ख़ौफ़ है न हिरास
अगर लहू है बदन में तो दिल है बे-वसवास
जिसे मिला ये मताए-ए-गराँ बहा उसको
नसीमो-ज़र से मुहब्बत है, नै ग़मे-इफ़्लास
लहू
लहू है बदन में तो ख़ौफ़ है न हिरास
अगर लहू है बदन में तो दिल है बे-वसवास
जिसे मिला ये मताए-ए-गराँ बहा उसको
नसीमो-ज़र से मुहब्बत है, नै ग़मे-इफ़्लास