सास के विलोके सिंहिनी सी जमुहाई लेत
ससुर के विलोके बार-बार मुँह बावती।
ननद के विलोके नागिन सी फुंफकार करें
देवर के विलोके डाकिनी सी डेरवावती।
रात दिन झगरे मोछ जारे ऊ पड़ोसियन के
पति के विलोके खाँव-खाँव कर धावती।
कर्कशा कुचाली कुबुद्धि कलही जो नार
करम जेकर फूटे नारी अइसी घरे आवती।